Wednesday, July 28, 2010

ऐतराज

बोझ खुद का उठा पाए ,
तो जी लेंगे ....
बोझ बन जीने से
हमे ऐतराज है

घावों का मरहम मिला ,
तो जी लेंगे...
नमक मल जीने से
हमे ऐतराज है

सपने हकीकत ना बन पाए
तो जी लेंगे ...
बिना सपनो के जीने से
हमे ऐतराज है

दो बूंद पानी की मिल जाये
तो जी लेंगे ...
लहू के प्याले पी जीने से,
हमे ऐतराज है

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